जीवन की परिभाषा
ये जीवन भी तो रंगों जैसा ही है
हर तरह के रंग से सजा हुआ ये जीवन
जैसे कभी सुख है तो कभी दुख है
कभी आशा तो कभी निराशा है
गौर से देखो इस जीवन की भी
अपनी ही एक परिभाषा है
सफेद रंग शांति का प्रतीक
पीला देता खुशहाली है
नीला रंग खुले आसमान का
हरा रंग देता हरियाली है
सुनहरा रंग सुनहरे ख्वाब दिखाता
भूरा रंग पर्वतों की हिम्मत दर्शाता
सारे रंगों को मिलाकर तो संसार बना
कभी इंद्रधनुष तो कभी अंधकार बना
जीवन भी तो ऐसा ही है
कभी शांत तो कभी अस्थिर
कभी कोलाहल तो कभी अचंभित
कभी बिखरा तो कभी व्यवस्थित
कभी कोई बात मुस्कान बन जाती है
कभी कोई याद आंखें नम कर जाती है
कभी मन विचलित हो जाता है
और कभी चट्टान सा अडिग बन जाता है
जैसे सभी रंगों को मिलाकर
एक अलग ही रंग बन जाता है
जो ना किसी जाति का
ना किसी धर्म का का होता है
वैसे ही सभी भावनाओं को मिलाकर
एक सुंदर सा जीवन बन जाता है
रंगों की उमंग में ये जीवन
सुखद स्वप्न की अनुभूति कराता है