by Anita Pathak | Hindi poem
एक नज़्म आज की इस दुनिया में लोग बहुत हैं जिसे दोस्त कह सकें वैसा कोई मिलता नहीं दर्द देने वाले तो बहुत मिल जाते हैं दर्द बांटने वाला कोई मिलता नहीं ज़िंदगी की रेस में सब जितना चाहते हैं हार बर्दाश्त करने वाला कोई मिलता नहीं गिराकर आपको खुद आगे निकल जाते हैं गिरते को...